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राजस्थान की झीले
राजस्थान का भूगोल

Rajasthan की झीलें : राजस्थान का सामान्य ज्ञान

Rajasthan की झीले :-

  • झीलों का अध्ययन ”लिम्नोलॉजी” कहलाता है।
  • विश्व में सर्वाधिक झीले ”फ़िनलैंड” में है।
  • भारत में सर्वाधिक झीले ”श्रीनगर” में है।
  • राजस्थान में सर्वाधिक झीले ”उदयपुर” में है। उदयपुर को राजस्थान की झीलों की नगरी, माउंटेन फाउंटेन का शहर तथा सफेद नगरी भी कहते हैं।

Rajasthan की झीलों का वर्गीकरण :-

1 गुणों के आधार पर :-

A मीठे पानी की झीलें :-

  • सबसे बड़ी मीठे पानी की झील = जयसमंद झील
  • सर्वाधिक = उदयपुर

B खारे पानी की झीलें :-

  • सबसे बड़ी खारे पानी की झील = सांभर झील
  • सबसे खारी झील = पचपदरा झील
  • सर्वाधिक = डीडवाना-कुचामन, नागौर

2 निर्माण के आधार पर :-

A कृत्रिम झीलें :-

  • सबसे बड़ी = जयसमंद झील

B प्राकृतिक झीलें :-

[a] उल्का पिंड निर्मित :-

  • रामगढ़ झील = बारां

[b] ज्वालामुखी निर्मित झीलें :-

  1. काल्डेरा झील = पुष्कर झील
  2. क्रेटर झील = नक्की झील

खारे पानी की झीलें :-

Rajasthan

राजस्थान का मानचित्र 

1 पचपदरा झील :- बालोतरा

  • इसका निर्माण 5 भीलों ने करवाया।
  • यह राज्य की सबसे खारी झील है तथा राज्य की दूसरी सबसे बड़ी झील भी है।
  • इस झील से सबसे अच्छा नमक का उत्पादन किया जाता है। ( Nacl = 98% )
  • इस झील से स्फुटिक नमक का उत्पादन किया जाता है।
  • इस झील से वायु/रेस्ता, कोषिया तथा क्यार विधि द्वारा नमक का उत्पादन किया जाता है।
  • इस झील में नमक उत्पादन का कार्य खारवाल जाति के लोगों द्वारा मोरली झाड़ी की सहायता से किया जाता है।

2 सांभर झील :- जयपुर ग्रामीण, अजमेर, डीडवाना-कुचामन

  • इस झील का निर्माण बिजोलिया शिलालेख के अनुसार वासुदेव चौहान ने करवाया था।
  • क्षेत्रफल की दृष्टि से यह राजस्थान की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है।
  • इस झील में रूपनगढ़, खारी, खंडेला और मेंथा नदियां आकर गिरती है।
  • इस झील की लंबाई 32 किलोमीटर तथा चौड़ाई 3 से 15 किलोमीटर है।
  • इस झील से क्यार विधि द्वारा नमक उत्पादन किया जाता है।
  • इस झील से नमक उत्पादन का कार्य ”सांभर साल्ट लिमिटेड” (1964) द्वारा किया जाता है।
  • इस झील से भारत का लगभग 8.9% नमक उत्पादित किया जाता है।
  • इस झील से राज्य का सर्वाधिक नमक उत्पादन किया जाता है।
  • इस झील के किनारे 1564 में अकबर की शादी हुई थी तथा यहां नमक स्मारक भी बना है।
  • शाकंभरी माता/देवयानी माता ( तीर्थों की नानी ) का मंदिर सांभर झील में स्थित है।
  • इस झील के किनारे नालीसर मस्जिद स्थित है।
  • इस झील को सबसे प्राचीन जल विभाजक पर स्थित माना जाता है।
  • इस झील को रामसर साइट आद्र/नम/वेटलैंड में 23 मार्च 1990 को शामिल किया।
  • यहां संत दादू दयाल ने प्रथम उपदेश दिए तथा दादू पंत की स्थापना की।
  • इस झील पर दिसंबर 2019 में एवियम बोटोलिज्म नामक रोग से हजारों फ्लेमिंगो पक्षी ( राजहंस ) की मृत्यु हुई थी।
  • इस झील में स्पिरुलिना नमक शैवाल पाया जाता है जिसमें 65% प्रोटीन होता है।
  • यहां कुरंजा पक्षी ( खींचन गांव, फलौदी ) एवं फ्लेमिंगो पक्षी ( राजहंस ) गुजरात का राज्य पक्षी पक्षी आते हैं।

3 डीडवाना झील :- डीडवाना-कुचामन

  • इस झील को खाल्दा झील भी कहते है।
  • इस झील का नमक खाने योग्य नहीं है क्योकि इसमें सोडियम सल्फाइड (NaS) पाया जाता है।
  • इस झील में नमक तैयार करने वाली स्थानीय संस्था को ”देवल” कहते है।
  • इस झील से ब्राइन विधि द्वारा नमक तैयार किया जाता है।
  • इस झील से नमक उत्पादन का कार्य राजस्थान स्टेट केमिकल एन्ड वर्क्स लिमिटेड द्वारा किया जाता है।
  • इस झील पर राजस्थान का सबसे बड़ा सोडियम संयंत्र स्थापित किया गया है।
  • इस झील के नमक का उपयोग कपडा उद्योग, चमड़ा उद्योग तथा कागज़ उद्योग में किया जाता है।

4 कावोद झील :- जैसलमेर

इस झील में सर्वोत्तम आयोडीन युक्त नमक मिलता है।

5 लूणकरणसर झील :- बीकानेर

यह उत्तरी राजस्थान की एकमात्र खारे पानी की झील है।

6 बाप झील :- फलौदी

इस झील के किनारें राज्य का प्रथम कोयला संयंत्र स्थापित किया गया है।

7 नावाँ झील :- डीडवाना-कुचामन

इस झील पर भारत द्वारा आदर्श लवण पार्क स्थापित किया गया।

मीठे पानी की झीलें :-

Rajasthan

1 जयसमंद झील :- सलूंबर

  • इस झील का निर्माण 1685 से 1691 तक महाराणा जयसिंह द्वारा करवाया गया।
  • इस झील का निर्माण गोमती नदी के पानी को रोक कर करवाया गया।
  • यह राजस्थान की सबसे बड़ी कृत्रिम झील है।
  • इसे ढेबर झील/जलचरों की बस्ती भी कहा जाता है।
  • इस झील में गोमती नदी, झाबरी नदी और केवला नदी द्वारा जलापूर्ति होती है।
  • इस झील पर साथ टापू स्थित है जिसमें सबसे बड़ा ”बाबा का भांगड़ा” व सबसे छोटा ”प्यारी” है।
  • इस झील से 1950 में श्यामपुरा व भाटखेड़ा नहरें निकली गयी।
  • इस झील में बाबा का मगरा नामक टापू पर ”आइसलैंड रिसोर्ट होटल” बनी है।
  • इस झील के किनारें रियासती काल में हिंसक पशुओं का शिकार देखने के लिए झरोखे बनाए गए थे इन झरोखों को ”औदीया” कहते हैं, जिसका अर्थ है अवलोकन स्तंभ।
  • इस झील के किनारें नर्मदेश्वर या नर्मश्वर महादेव जी का मंदिर स्थित है जिसे महाराणा जयसिंह द्वारा बनवाया गया।
  • इस झील के किनारे रूठी रानी ( रानी = उमादे भटियाणी, राजा = मालदेव ) का महल स्थित है।

2 राजसमंद झील :- राजसमंद

  • इस झील का निर्माण 1662-76 ईस्वी में महाराणा राज सिंह ने गोमती नदी पर बांध बनाकर करवाया।
  • इस झील को राजसमुद्र झील व नौ चौकी झील के नाम से भी जाना जाता है।
  • यह राजस्थान की दूसरी बड़ी कृत्रिम झील है।
  • घेवर माता द्वारा इस झील की नीवं रखी गयी।
  • इस झील का निर्माण अकाल राहत कार्य के दौरान करवाया गया।
  • इस झील के उत्तरी भाग में नो चौकी पाल पर 25 संगमरमर पत्थर पर 1917 श्लोक लिखित है, जिसे राज प्रशस्ति के नाम से जाना जाता है।
नोट :-  राय प्रशस्ति = जूनागढ़  ( बीकानेर )
  • राज प्रशस्ति के लेखक रणछोड़ भट्ट है, इसकी भाषा संस्कृत है तथा इसमें अमर काव्य वंशावली ( मेवाड़ का इतिहास ) और मीणा जाति का भी उल्लेख है।
  • इस झील के किनारे द्वारकाधीश जी का मंदिर स्थित है।
  • इस झील के किनारे घेवर माता ( बिना पति के सति होने वाली देवी = आसति ) का मंदिर स्थित है।

3 पिछोला झील :- उदयपुर

  • इस झील का निर्माण राणा लाखा के समय छीतरमल चिड़ीमार नामक बंजारे ने बेड़च नदी के पानी को रोक कर किया।
  • इस झील का जीर्णोद्वार 1525 ईस्वी में राणा सांग ने करवाया।
  • इस झील का पक्का निर्माण महाराणा उदयसिंह ने करवाया।
  • यह झील राजमहल के पीछे बनी है इसलिए इसे पिछोला झील कहते हैं।
  • यह उदयपुर की सबसे सुंदर व सबसे प्राचीन कृत्रिम झील है।
  • इस झील में जग मंदिर वह जग निवास स्थित है।
  • इस झील में सौर ऊर्जा संचालित प्रथम नाव चलायी गयी।
  • इस झील में जगदीश मंदिर है, जिसे सपनों का मंदिर कहते हैं।
  • इस झील के किनारे ”गलकी ” की स्मृति में नथनी का चबूतरा बनाया गया।
  • इस झील के किनारे महाराणा प्रताप सिंह व मानसिंह की मुलाकात हुई।
  • यहां ”बागोर की हवेली” स्थित है जिसका निर्माण अमरचंद बड़वा ने करवाया तथा यहाँ विश्व की सबसे बड़ी ”पगड़ी” रखी है।
  • इस झील के किनारें गुलाब बाग़ और तोप वाले बाबा की दरगाह स्थित है।
  • फर्गूसन ने यहाँ के महलों की तुलना लन्दन के ”विंडसर महल” से की है।
जग मंदिर :-
  • इस मंदिर का निर्माण 1620 ईस्वी  में कर्णसिंह ने शुरू करवाया तथा 1651 ईस्वी में जगत सिंह प्रथम ने पूर्ण करवाया।
  • कर्णसिंह ने शाहजहाँ ( खुर्रम ) को गुजरात अभियान के दौरान यहाँ शरण दी थी, इसी को देख कर शाहजहाँ को ताजमहल के निर्माण की प्रेरणा मिली।
  • 1857 की क्रांति के समय स्वरुप सिंह ने अंग्रेजो को शरण दी थी।
जग निवास :-
  • इसका निर्माण 1746 ईस्वी में जगतसिंह द्वितीय ने करवाया।
  • इस महल में RTDC द्वारा हैरिटेज होटल बनाई गयी है।

4 स्वरुप सागर झील :- उदयपुर

  • इसका निर्माण 1857 ईस्वी में स्वरुप सिंह ने कराया।
  • इस झील का आकार नहरनुमा है, जो पिछोला झील को फतेहसागर झील से जोड़ती है।

5 फतेहसागर झील :- उदयपुर

  • इस झील का निर्माण 1688 ईस्वी में महाराणा जयसिंह ने कराया।
  • इस झील की पुनः आधारशिला ड्यूक ऑफ़ कनॉट ने रखी।
  • इस झील का पुनः निर्माण 1900 ईस्वी में महाराणा फ़तेहसिंह ( झीलों को जोड़ने का जनक ) कराया।
  • इसे देवाली तालाब और कनॉट बाँध भी कहते है।
  • इस झील में डल झील की तर्ज पर ओपन थिएटर बना है।
  • इस झील के किनारे सहेलियों की बाड़ी तथा प्रताप स्मारक ( मोती मगरी ) बना है।
  • इस झील के सबसे बड़े टापू पर नेहरू उद्यान स्थित है।
  • इस झील के दूसरे बड़े टापू पर 1975 ईस्वी में अहमदाबाद ने ”सौर वैद्यशाला” स्थापित की, जो भारत की प्रथम सौर वैद्यशाला है। जिसको 1981 ईस्वी में भारतीय अंतरिक्ष से जोड़ा गया। इस वैद्यशाला में भारत की विशाल दूरबीन रखी है, जिससे सूर्यग्रहण के समय सूर्य की विभिन्न कलाओं का अध्ययन किया जाता है।

6 उदयसागर झील :- उदयपुर

  • इस झील का निर्माण 1559 ईस्वी में उदयसिंह ने कराया।
  • आयड़ नदी को इस झील के बाद में बेडच नदी के नाम से जाना जाता है।
  • इस झील के किनारें मोती महल स्थित है।

उदयपुर की 7 बहिन झीलें :- पिछोला, स्वरुप सागर, फतेहसागर, रंग सागर तालाब, कुमारी तालाब, गोवर्धन सागर

7 नंदसमंद झील :- राजसमंद

इसे राजसमंद की जीवन रेखा कहते है।

8 पुष्कर झील :- अजमेर

  • यह मीठे पानी की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील है।
  • इस झील का निर्माण ज्वालामुखी ( काल्डेरा ) से हुआ है।
  • इस झील का निर्माण पुष्करणा ब्राह्मणों द्वारा किया गया ऐसा माना जाता है कि इस झील का निर्माण ब्रह्मा जी के फूल द्वारा किया गया।
  • इस झील का पुनर्निर्माण मराठा सरदारों ने करवाया।
  • इस झील को तीर्थ का मामा, हिंदुओं का पांचवा तीर्थ, तीर्थराज, कोकंण तीर्थ, 52 घाट झील तथा अर्धचंद्राकर झील भी कहते हैं।
  • राजस्थान की सबसे प्राचीन, पवित्र तथा सबसे प्रदूषित झील है।
  • विश्व का प्रथम यज्ञ इससे झील के किनारे हुआ।
  • इस झील पर कनाडा के सहयोग से 1996-97 में सफाई कार्यक्रम ”पुष्कर गैप परियोजना” चलाया गया।
  • कालिदास ने ”अभिज्ञान शाकुंतलम” की रचना इसी झील के किनारें की थी।
  • गुरु गोविंद सिंह साहिब ने 1705 ईस्वी में ”गुरु ग्रंथ साहिब” का पाठ यही किया था।
  • इस झील के किनारें 52 घाट स्थित है, जिसका निर्माण मंडोर के प्रतिहार शासक ने 944 ईस्वी में करवाया। इसमें सबसे पवित्र तथा सबसे बड़ा घाट गौ घाट है। 1911 में मैडम मेरी की यात्रा के बाद इसका नाम ”जानना घाट” कर दिया गया तथा 1948 में गांधी जी की अस्थियों का विसर्जन करने के पश्चात इसका नाम ”गांधी घाट” कर दिया गया।
  • इस झील के किनारें ब्रह्मा मंदिर ( 2006 में राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया गया ), सावित्री माता मंदिर, वराह मंदिर तथा रंगा जी का मंदिर स्थित है।
  • इस झील के किनारें कार्तिक पूर्णिमा को राजस्थान का सबसे प्राचीन मेला लगता है, जो दीपदान के लिए प्रसिद्ध है। इस मेले आयोजन RTDC ( राजस्थान टूरिस्ट डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन ) द्वारा करवाया जाता है।
  • इस झील के किनारें भर्तृहरि की गुफा है।
  • इस झील के किनारें 400 मंदिर है इसलिए इसे ”मंदिरों की नगरी” भी कहते हैं।
अन्य ब्रह्मा मंदिर :-
  1. छींछ का ब्रह्मा मंदिर = बांसवाड़ा
  2. आसोतरा का ब्रह्मा मंदिर = बालोतरा
किवंदितिय :-
  • इस झील के किनारें वेदों को लिपिबद्ध किया गया।
  • इस झील के किनारें भगवान राम ने अपने पिता दशरथ जी की अस्थियों का विसर्जन किया।
  • इस झील के किनारें मेनका द्वारा विश्वामित्र की तपस्या भंग की गई।
  • इस झील के किनारें कौरवों और पांडवों का दिव्य मिलन हुआ।

9 नक्की झील :- सिरोही

  • इस झील का निर्माण ज्वालामुखी द्वारा हुआ तथा यह एक क्रेटर झील है।
  • धार्मिक मत = इस झील का निर्माण देवताओं ने अपने नाखूनों से किया था।
  • ऐतिहासिक मत = इस झील का निर्माण रसिया-बालम नामक भील ने किया ।
  • इस झील पर RTDC द्वारा नौकायन का संचालन भी किया गया।
  • इस झील में गरासिया जनजाति द्वारा अस्थियों का विसर्जन किया जाता है तथा यह गरासिया जनजाति की पवित्र झील है।
  • यह राजस्थान की एकमात्र झील है जो सर्दियों में जम जाती है।
  • यह राजस्थान की सबसे गहरी तथा सबसे ऊंची (1200 मीटर ) झील है।
  • यह राज्य की एकमात्र हिल स्टेशन झील है।
  • इस झील के किनारें रघुनाथ जी का प्राचीन मंदिर, रसिया-बालम मंदिर, भारत माता मंदिर और कुँवारी कन्या मंदिर स्थित है।
  • यहाँ सुनसेट पॉइंट तथा हनीमून पॉइंट है।
  • इस झील के किनारें राम झरोखा, आदि गुफा, हाथी गुफा और चंबा गुफा  स्थित है।
नक्की झील पर 4 चट्टानें है :-
  1. नन रॉक = महिला के समान
  2. नंदी रॉक = बैल के समान
  3. टॉड रॉक = मेंढक के समान
  4. पैरेट रॉक = तोते के समान

10 आनासागर झील :- अजमेर

  • इस झील का निर्माण 1137 ईस्वी में अर्णोराज ने तुर्कों के खून से सनी भूमि को धोने के लिए ”चंद्रा नदी” के जल को रोककर करवाया।
  • इस झील में लूणी नदी और बांडी नदी द्वारा जलापूर्ति की जाती है।
  • इस झील के किनारें दौलत बाग/सुभाष उद्यान स्थित है, जिसका निर्माण जहाँगीर ने कराया। इसी बाग में गुलाब के फूलों से नूरजहाँ की माँ ”असमत बेगम” ने इत्र का निर्माण किया था तथा इसी उद्यान में अंग्रेजी अधिकारी ”टॉमस रॉ” व जहाँगीर की मुलाकात हुई।
  • इस झील के पास तारागढ़ दुर्ग स्थित है, जहाँ रूठी रानी का महल बना है।
  • इस झील के किनारें शाहजहाँ ने 1627 ईस्वी में 5 बारहदरी का निर्माण कराया।
  • इस झील के पास ”चश्मा-ए-नूर” झरना स्थित है।

11 फॉयसागर झील :- अजमेर

  • इस झील का निर्माण 1891-92 ईस्वी में इंजीनियर फॉय ने किया।
  • इस झील के निर्माण का उद्देश्य अजमेर का बांडी नदी की बाढ़ से बचाना था।
  • इस झील की भरने के पश्चात अतिरिक्त जल आनासागर झील में चला जाता है।

12 कोलायत झील :- बीकानेर

  • इसे मारवाड़ का सुंदर उद्यान/शुष्क मरुधर सुंदर उद्यान भी कहते है।
  • इस झील के किनारें ”कार्तिक पूर्णिमा” को कपिलमुनि का मेला लगता है, जो दीपदान के लिए प्रसिद्ध है।
  • इस झील में भी 52 घाट बने है।
  • चारण जाति के लोग इसमें स्नान नहीं करते है।

13 कायलाना झील :- जोधपुर

  • यह एक प्राकृतिक झील है तथा यह जोधपुर की सबसे बड़ी झील है।
  • इसे प्रतापसागर झील भी कहते है।
  • सर प्रताप सिंह ने 1872 ईस्वी में इस झील का आधुनिकरण करवाया।
  • इस झील के किनारें भारत का प्रथम मरू वनस्पति उद्यान ”मचिया सफारी पार्क” स्थित है।
  • इस झील में IGNP की ”राजीव गाँधी लिफ्ट नहर ” द्वारा जलापूर्ति की जाती है।

14 सिलीसेढ़ झील :- अलवर

  • इस झील का निर्माण 1845 ईस्वी में विनय सिंह ने कराया।
  • इसे राजस्थान का नंदनकानन कहते हैं।
  • इस झील में RTDC  द्वारा नौकायन संचालित है।
  • इस झील के किनारें मूसी महारानी की छतरी/80 खभों की छतरी स्थित है।

15 बालसमंद झील :- जोधपुर ग्रामीण

  • इस झील का निर्माण 1159 ईस्वी में बालक राव प्रतिहार द्वारा कराया गया।
  • इस झील के किनारे गुलाब उद्यान स्थित है।
  • सुरसिंह ने अपनी रानी की याद में बारहदरी, जनाना बाग व 8 खभों का महल बनवाया।

16 गैब सागर झील :- डूंगरपुर

  • इसे एडवर्ड सागर बाँध भी कहते है।
  • इसका निर्माण महारावल गोपीनाथ ने कराया।
  • इसके किनारें बादल महल स्थित है।
  • यहाँ कालीबाई स्मारक और विवेकानन्द स्मारक बना है।

17 मोती झील :- भरतपुर

  • इसका निर्माण महाराजा सूरजमल ने रूपारेल नदी पर कराया।
  • इसको भरतपुर की जीवन रेखा कहते है।
  • इस झील में हरित शैवाल के द्वारा यहाँ से नाइट्रोजन युक्त खाद बनाई जाती है।

18 गजनेर झील :- बीकानेर

  • इसको ”पानी का शुद्ध दर्पण” कहते है।

19 गढ़सीसर झील :- जैसलमेर

20 अमर सागर झील :- जैसलमेर

21 बूझ झील :- जैसलमेर

22 थेला झील :- अलवर

23 पन्नालाल शाह तालाब :- नीम का थाना

  • निर्माण = 1870 ई
  • खेतड़ी के महाराजा अजीत सिंह के आमंत्रण पर पधारे स्वामी विवेकानंद को इसी तालाब में बने आवास में ठहराया गया।

अन्य महत्वपूर्ण झीलें :-

  1.  बुढ्ढा जोहड़ झील = अनूपगढ़
  2. तालाब शाही झील = धौलपुर
  3. चोपड़ा झील = पाली
  4. किशोर सागर झील = बूंदी
  5. फूल रानी झील = बूंदी
  6. जेत सागर झील = बूंदी
  7. सीताबाड़ी झील = बारां
  8. रामगढ़ झील = बारां
  9. कृष्ण सागर झील = झालावाड़
  10. काड़ीला झील = झालावाड़
  11. भोपाल सागर झील = चित्तौड़गढ़
  12. मातृकुंडिया झील = चित्तौड़गढ़ = इसे राजस्थान का हरिद्वार कहते हैं।
  13. मानासागर झील = जयपुर
  14. तलवाड़ा झील = हनुमानगढ़ = यह राजस्थान की सबसे नीची झील है।

अन्य महत्वपूर्ण तथ्य :-

  • राजस्थान का पहला साल्ट म्यूजियम = सांभर
  • राजस्थान स्टेट केमिकल वर्क्स लिमिटेड = डीडवाना (1964)
  • सोडियम सल्फेट संयंत्र = डीडवाना (1964)
  • संभर साल्ट लिमिटेड = 1964

राष्ट्रीय झील संरक्षण कार्यक्रम :- मई 2001

  • वित्त पोषण = केंद्र : राज्य ( 70 : 30 )
  • अप्रैल पोषण = केंद्र : राज्य ( 60 : 40 )

इसमें निम्न झीलें शामिल है:-

  1.  उदयपुर = पिछोला, स्वरूपसागर, फतेहसागर
  2. अजमेर = आनासागर, पुष्कर
  3. जयपुर = मानासागर
  4. पाली = चौपड़ा, बाटेलाव तालाब
  5. टोंक = टोरडी बाँध

राजस्थान का सामान्य परिचय 

राजस्थान का भौगोलिक विभाजन 

राजस्थान की जलवायु 

राजस्थान का अपवाह तंत्र 

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