allhightime.com

allhightime

राजस्थान का अपवाह तंत्र
राजस्थान का भूगोल

Rajasthan का अपवाह तंत्र : राजस्थान जीके

Rajasthan का अपवाह तंत्र :-

राजस्थान के अपवाह तंत्र को तीन भागो में विभाजित किया गया है।

  1. आंतरिक अपवाह तंत्र :- 60% = घग्घर, कांतली, काकनेय, रूपनगढ़, मेंथा, खंडेला, साबी,  रूपारेल, बाणगंगा
  2. बंगाल की खाड़ी अपवाह तंत्र :- 23% = चम्बल, बनास, गंभीर
  3. अरब सागरीय अपवाह तंत्र :- 17% = माही, लूणी, साबरमती, पश्चिम बनास
नोट :-
  • देश में सर्वाधिक अंत: प्रवाही नदियां राजस्थान में है क्योंकि राजस्थान में मरुस्थल का सर्वाधिक विस्तार है।
  • देश के कुल सात ही जलीय नदी जल का राजस्थान में 1.16% भाग है

Rajasthan मैं त्रिवेणी संगम :-

  1. सोम-माही-जाखम = बेणेश्वर धाम, डूंगरपुर
  2. बनास-बेडच-मेनाल = बीगोद, भीलवाड़ा
  3. बनास-चंबल-सीप = रामेश्वरम धाम, सवाई माधोपुर
  4. बनास-डाई-खारी = राजमहल, टोंक
  5. बनास-बांडी-मासी = देवधाम, जोधपुरिया, टोंक

नदियों के किनारें अभयारण्य :-

  1. शेरगढ़ अभयारण्य = परवन नदी
  2. जवाहर सागर अभयारण्य = चंबल नदी
  3. भैंसरोडगढ़ अभयारण्य = चंबल व ब्राह्मणी नदी के संगम पर
  4.  चंबल घड़ियाल अभयारण्य = चंबल नदी
  5. दर्रा/मुकुंदरा हिल्स अभयारण्य = काली सिंध एवं आहू नदी के संगम पर
  6. केवलादेव अभयारण्य = बाणगंगा व गंभीरी नदी के संगम पर

नदियों के किनारें सभ्यता स्थल :-

  1. तिलवाड़ा सभ्यता, बालोतरा = लूनी नदी
  2. बालाथल सभ्यता, उदयपुर = बेडच नदी
  3. आहड़ सभ्यता, उदयपुर = बेडच नदी
  4. नगरी सभ्यता, चित्तौड़गढ़ = बेडच नदी
  5. बागोर सभ्यता, भीलवाड़ा = कोठारी नदी
  6. बैराट सभ्यता, कोटपूतली-बहरोड = बाणगंगा नदी
  7. जोधपुरा सभ्यता, कोटपूतली-बहरोड = साबी नदी
  8. गणेश्वर सभ्यता, नीम का थाना = कांतली नदी
  9. सुनारी सभ्यता, नीमकाथाना = कांतली नदी
  10. गरड़दा सभ्यता, बूंदी = छाजा नदी
  11. गिलुंड सभ्यता, राजसमंद = बनास नदी
  12. कालीबंगा सभ्यता, हनुमानगढ़ = घग्घर नदी
  13. रंग महल सभ्यता, हनुमानगढ़ = घग्घर नदी
  14. नौह सभ्यता, भरतपुर = रूपारेल नदी

राजस्थान के प्रमुख जलप्रपात :-

  1. चूलिया जलप्रपात, भैंसरोड़गढ़ = चम्बल नदी
  2. मेनाल जलप्रपात, मेनाल( भीलवाड़ा ) = मेनाल नदी
  3. भीमलत जलप्रपात, भीमलत ( बूंदी ) = मांगली नदी
  4. दिर जलप्रपात, भरतपुर = काकुंड नदी
  5. दमोह जलप्रपात, धौलपुर = बांडी नदी
  6. अरणा-जरणा जलप्रपात, जोधपुर = …..
  7. भीलबेरी जलप्रपात, पाली = …….

नदियों, झीलों और नहरों के उपनाम :-

  1. राजस्थान की जीवन रेखा = इंदिरा गांधी नहर परियोजना
  2. बीकानेर की जीवन रेखा = लूणकरणसर लिफ्ट नहर
  3. मारवाड़ की जीवन रेखा = लूनी नदी
  4. भरतपुर की जीवन रेखा = मोती झील
  5. जयपुर की जीवन रेखा = द्रव्यवती नदी ( अमनी शाह का नाला )
  6. राजसमंद की जीवन रेखा = नंद समेत झील

महत्वपूर्ण बिंदु :-

  1. राजस्थान में सबसे लंबी नदी = चंबल नदी
  2. पूर्ण बहाव  के आधार पर सबसे लंबी नदी/राजस्थान की सबसे लंबी नदी = बनास नदी
  3. आंतरिक अपवाह तंत्र की सबसे लंबी नदी = घग्घर नदी
  4. आंतरिक अपवाह तंत्र की पूर्णत: सबसे लंबी नदी = कांतली नदी
  5. सर्वाधिक नदियों वाला संभाग = कोटा
  6. सबसे कम नदियों वाला संभाग = बीकानेर
  7. राज्य में उद्गम के आधार पर सर्वाधिक नदियां = उदयपुर
  8. राज्य में बहाव के आधार पर सर्वाधिक नदियां = चित्तौड़गढ़
  9. नदी विहीन जिलें = चूरू और बीकानेर
  10. सर्वाधिक जिलों से बहने वाली नदियां = चंबल> बनास> लूणी
  11. राज्य में सबसे बड़ा अपवाह तंत्र = चंबल> लूणी> बनास> माही
  12. सर्वाधिक जल ग्रहण क्षमता वाली नदी = बनास> लूणी> चंबल> माही
  13. सबसे बड़ा नदी बेसिन = लूणी> बनास> चंबल> माही
  14. सर्वाधिक सतही जल = चंबल> बनास> माही> लूणी
  15. सर्वाधिक जल उपलब्धता = चंबल> लूणी> माही> बनास

आंतरिक अपवाह तंत्र :-

1 घग्घर नदी :-

  • यह आंतरिक अपवाह तंत्र की सबसे लंबी नदी है।
  • उपनाम = नट नदी, द्वेषवती नदी, मृत नदी, सोतर नदी, हकरा नदी ( पाकिस्तान में ), सरस्वती नदी, राजस्थान का शौक
  • इस नदी की कुल लंबाई 465 km है तथा राजस्थान में लंबाई 120km है।
  • उद्गम = शिवालिक की पहाड़ियां, कालका, हिमाचल प्रदेश
  • राजस्थान में प्रवेश = टिब्बी, हनुमानगढ़
  • बहाव के जिलें = श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़
  • यह नदी हिसार ( हरियाणा ) में ओटू झील का निर्माण करती है।
  • विलुप्त = सामान्यतः यह नदी भटनेर दुर्ग, हनुमानगढ़ के पास विलुप्त होती है, परंतु ज्यादा पानी आने के कारण यह फोर्ट अब्बास, पाकिस्तान तक चली जाती है।
  • बग्गी = घग्घर नदी का मैदान
  • नाली = घग्घर नदी का बहाव क्षेत्र
  • घग्गर नदी के बहाव क्षेत्र में सर्वाधिक चावल की खेती की जाती है, जिसे ”राइस बेल्ट” के नाम से जाना जाता है।
  • इस नदी के किनारे तलवाड़ा झील, हनुमानगढ़ ( राजस्थान की सबसे नीची झील ) भटनेर दुर्ग ( हनुमानगढ़ ), कालीबंगा सभ्यता, पीलीबंगा सभ्यता, रंगमहल  सभ्यता और लैला-मजनू की मजार ( अनूपगढ़ ) स्थित है।

2 कांतली नदी ;-

  • यह पूर्ण बहाव के आधार पर आंतरिक अपवाह तंत्र की सबसे लम्बी नदी है।
  • लम्बाई = 100 km
  • उद्गम = खंडेला की पहाड़ियाँ, सीकर
  • विलुप्त = झुंझुनूं में चूरू की सीमा पर
  • बहाव क्षेत्र = सीकर, नीम का थाना, झुंझुनूं
  • इसके प्रवाह क्षेत्र को सीकर व नीम का थाना में ”तोरावाटी” कहते है।
  • इस नदी के किनारें नीम का थाना में सुनारी और गणेश्वर सभ्यता स्थित है।
  • यह नदी झुंझुनूं को दो भागो में विभाजित करती है।

सांभर झील की नदियाँ :-

Rajasthan

 

3 काकनेय नदी :-

  • अन्य नाम = मसूरदी नदी
  • यह आंतरिक अपवाह तंत्र की सबसे छोटी नदी है।
  • लम्बाई = 17 km
  • उद्गम = कोटड़ी की पहाड़ियां, कोठारी गांव, जैसलमेर
  • विलुप्त = मिट्ठा खाड़ी
  • यह नदी जैसलमेर में बुझ झील का निर्माण करती है।

4 साबी नदी :-

  • अन्य नाम = साहिबा नदी
  • उद्गम = सेबर की पहाड़ी, कोटपूतली-बहरोड
  • विलुप्त = नजफगढ़ झील, पाटोदी गांव, गुरुग्राम, हरियाणा
  • बहाव क्षेत्र = कोटपूतली-बहरोड, खैरथल-तिजारा
  • यह कोटपूतली-बहरोड की प्रमुख नदी है।
  • इस नदी के किनारें जोधपुरा सभ्यता ( कोटपूतली-बहरोड ) विकसित हुयी जहा हाथीदाँत के अवशेष प्राप्त हुए है।
  • यह NH-48 के समानान्तर गुजरती है और इसे 2 बार कटती है।

5 बाणगंगा नदी :-

  • उपनाम = अर्जुन की गंगा, ताला नदी, रुंडित नदी
  • उद्गम = बैराठ की पहाड़ियां, कोटपूतली-बहरोड
  • इस नदी के कीनारे बैराठ सभ्यता ( कोटपूतली-बहरोड ) स्थित है।
  • इस नदी से भरतपुर में एक नहर निकाली गयी, जो अजान बांध तथा घना पक्षी विहार में जलापूर्ती करती है।
  • इस नदी के कीनारें जमवारामगढ़ बांध ( कोटपूतली-बहरोड ) और अजान बांध ( भरतपुर ) स्थित है।
  • वर्तमान समय में यमुना नदी के पूर्व की ओर खिसक जाने के कारण बाणगंगा नदी भरतपुर के अंदर ही समाप्त हो जाती है, जिसके कारण इसे ”रुंडित नदी” कहा जाता है तथा अब यह आंतरिक अपवाह तंत्र की नदियों में शामिल की गई है।

6 रूपारेल नदी :-

  • उपनाम = वराह नदी, लसवारी नदी, रूपनारायण नदी
  • उद्गम = उदयनाथ की पहाड़ियां, थानागाजी, अलवर
  • बहाव क्षेत्र = अलवर, डीग, भरतपुर
  • विलुप्त = कुसुलपुर, भरतपुर
  • इस नदी के किनारे ”नोह सभ्यता” भरतपुर विकसित हुई।
  • यह नदी सीकरी बांध ( डीग ) एवं मोती झील ( भरतपुर ) में जलापूर्ति करती है।

7 काकुण्ड नदी :-

यह नदी भरतपुर में बंध बारेठा बांध का निर्माण करती है।

अरब सागर का अपवाह तंत्र :-

1 लूणी नदी :-

  • उपनाम = मारवाड़ की गंगा, सागरमाती ( उद्गम स्थल से गोविंदगढ़ तक ), रेहड या नाहड़ा ( जालौर ), अतः सलिला ( कालिदास के ग्रंथ में ), आधी खारी व आधी मीठी नदी, मरुद्बदा ( वैदिक साहित्य )
  • इसकी कुल लंबाई 495 किलोमीटर है तथा राजस्थान में लंबाई 330 किलोमीटर है।
  • साबरमती नदी एवं सरस्वती नदी दोनों आपस में गोविंदगढ़ पुष्कर के निकट मिल जाने के बाद लूनी नदी के नाम से जानी जाती है।
  • सरस्वती नदी के द्वारा पुष्कर झील को जलापूर्ति की जाती है।
  • उद्गम स्थल = नाग पहाड़, अजमेर
  • उद्गम स्थल पर नाम = साबरमती नदी
  • विलय = कच्छ का रण
  • बहाव क्षेत्र = अजमेर, नागौर, ब्यावर, जोधपुर ग्रामीण, बालोतरा, बाड़मेर, सांचौर
  • इस नदी के किनारे तिलवाड़ा, बालोतरा में मल्लीनाथ पशु मेला लगता है।
  • बालोतरा के बाद इस नदी का पानी खारा हो जाता है, जिसका कारण टेथिस सागर के अवशेष है।
  • इस नदी पर पिचियाक/जसवंत सागर बांध ( जोधपुर ग्रामीण ) स्थित है।
  • इस नदी के किनारें गोविंदगढ़( अजमेर ), जैतारण( ब्यावर ), भिलाड़ा( जोधपुर ग्रामीण ), बालोतरा और सांचौर नगर स्थित है।

Rajasthan

लूणी नदी की सहायक नदियाँ :-
A  जोजड़ी नदी :-
  • उद्गम = पोड़लू गांव, नागौर
  • विलय = खेजड़ली, जोधपुर ग्रामीण में लूणी नदी में
  • यह लूणी नदी की एकमात्र सहायक  है, जो दायीं और से मिलती है और आरावली से नहीं निकलती है।
  • बहाव क्षेत्र = नागौर, जोधपुर ग्रामीण
B बाण्डी नदी :-
  • उद्गम = हेमावास गाँव, पाली
  • विलय = लखर गावँ, जोधपुर ग्रामीण में लूणी नदी में
  • बहाव क्षेत्र = पाली, जोधपुर ग्रामीण
  • यह राज्य की सबसे प्रदूषित नदी है।
  • पाली में इस नदी पर हेमावास बांध स्थित है।
  • इस नदी के किनारें महाराजा उम्मेद मिल्स लिमिटेड ( पाली ) स्थित है।
  • इस मिल में रंगाई छपाई उद्योग के कारण बाण्डी नदी का पानी प्रदूषित हो जाता है तथा यही पानी लूणी नदी में चला जाता है। इस कारण लूणी नदी के प्रदूषित होने का कारण भी रंगाई छपाई उद्योग है।
  • सहायक नदी = गुहिया
C लीलड़ी नदी ;- पाली
D मीठड़ी नदी :-
  • उद्गम = अरावली पहाड़ी ( पाली )
  • विलेय = पलावा गावं ( बालोतरा ) में लूणी नदी में
  • बहाव क्षेत्र = पाली, बालोतरा
E सुकड़ी नदी :-
  • उद्गम = देसूरी की नाल, पाली
  • विलय = समदड़ी, बालोतरा
  • बहाव क्षेत्र = पाली, जालौर, बालोतरा
  • इस नदी पर जालौर में बांकली बांध स्थित है।
  • इस नदी के किनारें संत पीपा का मंदिर स्थित है।
E जवाई नदी ;-
  • उद्गम = गोरया गावं, पाली
  •  विलय = गुढ़ामालानी, बाड़मेर में लूणी में
  • बहाव क्षेत्र = पाली, जालौर, सांचौर, बालोतरा
  • बांध = जवाई बांध, सुमेरपुर( पाली )
  • इस नदी के किनारे जवाई बांध सुमेरपुर तहसील, पाली में स्थित है जिसे मारवाड़ का अमृत सरोवर कहते हैं। यह पश्चिमी राजस्थान का सबसे लंबा बांध है। इस बांध में सेई परियोजना के द्वारा जलापूर्ति होती है तथा यह परियोजना राजस्थान की प्रथम जल सुरंग है।
  • जवाई बांध में जलापूर्ति के लिए सेई बांध डाउनस्ट्रीम तथा साबरमती नदी बांध बनाया जा रहा है।
F खारी नदी :-
  • उद्गम = शेरगावं पहाड़ी, सिरोही
  • विलेय = जालौर में जवाई नदी में
  • बहाव क्षेत्र = सिरोही, जालौर
G सागी नदी ;-
  • उद्गम = जसवंतपुरा पहाड़ी, जालौर
  • विलय = बाड़मेर में लूणी में
  • बहाव क्षेत्र = जालौर, सांचौर, बाड़मेर
H मिश्री नदी :-
  • उद्गम = जालौर की पहाड़ियां
  • विलय = बाड़मेर में लूणी नदी में
  • बहाव क्षेत्र = जालौर, सांचौर, बाड़मेर

2 माही नदी :-

  • उपनाम = दक्षिणी राजस्थान की गंगा, आदिवासियों की गंगा, कांठल व मेवल की गंगा
  • इस नदी की कुल लंबाई 576 किलोमीटर है तथा राजस्थान में लंबाई 171 किलोमीटर है।
  • उद्गम = मेहंद झील या अमरोहा की पहाड़ियां, मध्य प्रदेश
  • यह खांदू गांव, बांसवाड़ा से राजस्थान में प्रवेश करती है।
  • विलय = खंभात की खाड़ी
  • इस नदी का संबंध सुजलाम-सुफलाम परियोजना बांसवाड़ा से है।
  • प्रतापगढ़ और बांसवाड़ा में यह 56 के मैदान का निर्माण करती है।
  • इस नदी पर नवाटापरा गांव, बेणेश्वर, डूंगरपुर में त्रिवेणी संगम स्थित है जहां पर सोम-माही-जाखम नदियां आकर मिलती है।
  • यह नदी कर्क रेखा को दो बार काटती है तथा इसका राजस्थान में प्रवेश दक्षिण से है तथा निकास भी दक्षिण से ही है।
  • इस नदी के किनारे गलियाकोट, डूंगरपुर वह बोहरा संप्रदाय की प्रधान पीठ स्थित है।
  • इस नदी निम्न बांध स्थित है :- 1 पिकअप-कागदी बांध, बांसवाड़ा  2 सागवाड़ा बांध, डूंगरपुर  3  काडाना बांध, गुजरात  4 माही बजाज सागर बांध, बांसवाड़ा
  • माही बजाज सागर बांध = इसका उद्घाटन मोहनलाल सुखाड़िया द्वारा किया गया तथा इसे 1983 को राष्ट्र को समर्पित किया गया। यह राजस्थान का सबसे लंबा बांध ( 3.1 किलोमीटर ) है। इसके द्वारा 140 मेगावाट विद्युत उत्पादन किया जाता है, जिसमें राजस्थान तथा गुजरात का बराबर हिस्सा है।

Rajasthan

माही नदी की सहायक नदियां ;-
A सोम नदी :-
  • उद्गम = बीछामेड़ा की पहाड़ियां, ऋषभदेव, उदयपुर
  • विलय = नवाटापारा, डूंगरपुर में माही नदी में
  • प्रवाह क्षेत्र = उदयपुर, सलूंबर, डूंगरपुर
  • इस नदी पर उदयपुर में सोम कागदर बांध स्थित है।
  • इस नदी पर सोम-कमला-अम्बा परियोजना चलाई गई।
B जाखम नदी:-
  • उद्गम = भंवरमाता की पहाड़ियां, प्रतापगढ़
  • विलय = बिलाड़ा गांव, डूंगरपुर में सोम नदी में
  • इस नदी पर प्रतापगढ़ में जाखम बांध स्थित है। यह राजस्थान का सबसे ऊंचा बांध ( 81 मी ) है।
त्रिवेणी संगम :-
  • स्थान = नवाटपरा, डूंगरपुर
  • नाम = बेणेश्वर धाम
  • नदियां = सोम-माही-जाखम
  • इस नदी के किनारें माघ पूर्णिमा पर मेला लगता है, जिसे आदिवासियों का कुंभ कहते हैं तथा यहां संत मावजी द्वारा खंडित शिवलिंग की स्थापना की गई।
C ऐराव नदी :-
  • उद्गम = प्रतापगढ़
  • विलय = बांसवाड़ा
D मोरेन नदी :-
  • उद्गम = डूंगरपुर की पहाड़ियां
  • विलय = गलियाकोट, डूंगरपुर
E चाप नदी :-

यह नदी कलिंजरा ( बांसवाड़ा ) से निकलकर माही नदी में विलीन हो जाती है।

F अनास नदी :-
  • उद्गम = विंध्याचल पर्वतमाला, मध्यप्रदेश
  • राजस्थान में प्रवेश = बांसवाड़ा
  • विलय = गलियाकोट, डूंगरपुर में माही नदी में
  • इस नदी के किनारें अनास परियोजना ( बांसवाड़ा ) स्थित है।
  • इस नदी पर राजस्थान का दूसरा झूलता हुआ पुल ( हैंगिंग ब्रिज ) बनाया जा रहा है।

3 साबरमती नदी :-

  • उद्गम = गोगुन्दा की पहाड़ियां/फुलवारी की नाल, झाड़ोल तहसील, उदयपुर
  • विलय = खंभात की खाड़ी
  • उद्गम स्थल पर नाम = वाकल नदी
  • साबरमती नदी कोटड़ा उदयपुर के बाद पड़ता है।
  • इस नदी की कुल लंबाई 416 किलोमीटर है तथा राजस्थान में कुल लंबाई 45 किलोमीटर है।
  • उदयपुर की झीलों में साबरमती नदी का जल प्रवाहित करने के लिए ”देवास सुरंग” बनाई गई है।
  • इस नदी का उद्गम राजस्थान से होता है परंतु यह नदी गुजरात के मुख्य नदी है।
  • सहायक नदियां = सेई, हथमती, वाकल, वेतरक, याजम
  • यह नदी साबरकांठा नामक स्थान से गुजरात में प्रवेश करती है।
  • इस नदी के किनारे अहमदाबाद तथा गांधीनगर स्थित है।
  • इस नदी के किनारे साबरमती आश्रम स्थित है जिसकी स्थापना 1915 में की गई।
सेई जल सुरंग :-
  • उद्गम = कोटड़ा, उदयपुर
  • यह राजस्थान की पहली जल सुरंग है।
  • इस जल सुरंग के द्वारा जवाई बांध में जलापूर्ति की जाती है।
मानसी वाकल जल सुरंग :-
  • उद्गम = कोटड़ा उदयपुर
  • यह मानसी नदी पर स्थित है।
  • यह राजस्थान की सबसे लंबी जल सुरंग है।
  • इसके द्वारा उदयपुर में जिलापूर्ति की जाती है।
  • यह राजस्थान सरकार व हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की संयुक्त परियोजना है।

4 पश्चिमी बनास :-

  • उद्गम = नया सनवाड़ा, सिरोही
  • यह नदी साबरकांठा जिले से गुजरात में प्रवेश करती है।
  • विलय = कच्छ की खाड़ी
  • राजस्थान का आबू शहर और गुजरात का डिसा शहर इस नदी के तट पर स्थित है।
  • सहायक नदियां = सुकली/सीपु नदी, गोहलन, कूकड़ी

बंगाल की खाड़ी का अपवाह तंत्र :-

1 बनास नदी ;-

  • पूर्ण बहाव के आधार पर यह राजस्थान की सबसे लम्बी नदी है।
  • इस नदी की कुल लम्बाई 480 किलोमीटर है।
  • उपनाम =  वन की आशा/वर्णाशा
  • उद्गम = खमनोर की पहाड़ियां, राजसमंद
  • बहाव क्षेत्र = चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, शाहपुरा, केकड़ी, राजसमंद, टोंक, सवाई माधोपुर
  • इस नदी पर चार बांध स्थित है :-1 नंदसमंद बांध = राजसमंद
    2 मातृकुण्डिया बांध = चित्तौड़गढ़ = मेवाड़/राजस्थान का हरिद्वार
    3 बीसलपुर बांध = टोंक
    4 ईसरदा बांध = सवाईमाधोपुर

Rajasthan

दायीं और से मिलने वाली बनास नदी की सहायक नदियां :-
A  बेड़च नदी :-
  • उद्गम = गोगुन्दा की पहाड़ियां, उदयपुर
  • इस नदी को उद्गम स्थल पर ”आयड़” के नाम से जाना जाता है तथा उदयसागर झील के बाद ”बेड़च” के नाम से जाना जाता है।
  • विलय = बीगोद, भीलवाड़ा में बनास नदी में
  • बहाव क्षेत्र = उदयपुर, चित्त्तोड़गढ़, भीलवाड़ा
  • बांध = घोसुण्डा बांध, चित्तौड़गढ़
  • सभ्यता = आहड़ सभ्यता
  • सहायक नदियां = मेनाल, वामन, गुजरी, गम्भीरी, ओराई

Rajasthan

a  मेनाल नदी :-
  • उद्गम = बिजौलिया/ऊपरमाल का पठार, भीलवाड़ा
  • यह नदी मेनाल जलप्रपात, भीलवाड़ा का निर्माण करती है।
  • विलय = बीगोद, भीलवाड़ा में बेड़च नदी में
b  वामन नदी :-

इस नदी का उद्गम बड़ी सादड़ी, चित्तौड़गढ़ से होता है तथा बेडच नदी में विलय हो जाती है।

c  गुजरी नदी :-

इस नदी का उद्गम कोटड़ी, भशाहपुरा से होता है।

d  गम्भीरी नदी :-
  • उद्गम = जावरा की पहाड़ियां, मध्यप्रदेश
  • विलय = चित्तौड़गढ़ में बेड़च नदी में
  • गम्भीरी और बेड़च नदी के संगम पर चित्तौड़गढ़ दुर्ग स्थित है।
  • यह नदी निम्बाहेड़ा, चित्त्तोड़गढ़ से राजस्थान में प्रवेश करती है।
बायीं और से मिलने वाली बेड़च नदी की सहायक नदियां :-
a  कोठारी नदी :-
  • उद्गम = दिवेर की पहाड़ियां, राजसमंद
  • विलय = नंदराय, शाहपुरा में बनास नदी में
  • बहाव क्षेत्र = राजसमंद, शाहपुरा, भीलवाड़ा
  • बांध = मेजा बांध
  • पार्क = ग्रीन माउंट पार्क, भीलवाड़ा
  • सभ्यता = बागौर सभ्यता
  • यहाँ से मध्यपुरापाषाण काल के पशुपालन के प्राचीनतम अवशेष मिले है।
b  खारी नदी :-
  • उद्गम = बिजराल की पहाड़ियां
  • विलय = राजमहल, टोंक
  • बहाव क्षेत्र = राजसमंद, भीलवाड़ा, ब्यावर, शाहपुरा, केकड़ी, टोंक
  • इस नदी के किनारे आसींद, भीलवाड़ा में मार्तंड भैरव मंदिर/देवनारायण मंदिर/सवाई भोज मंदिर स्थित है।
  • इस नदी के किनारे विजयनगर ( ब्यावर ), आसींद ( भीलवाड़ा ) नगर स्थित है।
  • सहायक नदी = मानसी नदी, भीलवाड़ा = इस नदी पर भीलवाड़ा में अडवान बांध स्थित है।
  • इस नदी के द्वारा राजमहल, टोंक में त्रिवेणी संगम ( बनास-डाई-खारी ) का निर्माण किया जाता है।
c  डाई नदी :-
  • उद्गम = नसीराबाद की पहाड़ियां, अजमेर
  • विलय = राजमहल, टोंक में बनास नदी में
  • बहाव क्षेत्र = अजमेर, केकड़ी, टोंक
  • इस नदी पर लसाडिया बांध ( केकड़ी ) स्थित है।
d  मोरेल नदी :-
  • उद्गम = चैनपुरा की पहाड़ी, जयपुर ग्रामीण
  • विलय = खंडार, सवाई माधोपुर में बनास नदी में विलय
  • बहाव क्षेत्र = जयपुर ग्रामीण, दौसा, गंगापुर सिटी, सवाई माधोपुर
  • इस नदी पर सवाई माधोपुर में मोरेल बांध स्थित है।
  • इसकी सहायक नदी ”कालीसिल नदी” के किनारें कैलादेवी मंदिर स्थित है।
e  बांडी नदी :-
  • उद्गम = सामोद व आमलोद की पहाड़ियां, जयपुर ग्रामीण
  • विलय = जयपुर और टोंक में बहती हुई माशी नदी में
f  माशी नदी :-
  • उद्गम = सिलौरा की पहाड़ियां, किशनगढ़, अजमेर
  • बहाव क्षेत्र = अजमेर, दूदू, टोंक
  • त्रिवेणी संगम = जोधपुरिया, टोंक ( बनास-माश-बांडी )
g  सहोदर/सोहदार नदी :-
  • उद्गम = अराय की पहाड़ियां, अजमेर
  • विलय = टोंक में बनास नदी में
  • बहाव क्षेत्र = अजमेर, टोंक
  • बांध = टोरडी सागर बांध, टोंक

2 चम्बल नदी :-

  • उपनाम = चर्मण्वती नदी, राज्य की कामधेनु, बारहमासी नदी, नित्यवाहिनी नदी, वाटर सफारी ( कोटा )नदी
  • इस नदी की कुल लम्बाई 1051 km है तथा राजस्थान में कुल लम्बाई 135 km है।
  • बहाव क्षेत्र = चित्तौड़गढ़, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर
  • यह नदी राजस्थान और मध्य प्रदेश के साथ 252 किलोमीटर लंबी सीमा बनाती है।
  • यह नदी भारत में सर्वाधिक उत्खात करने वाली नदी है।
  • यह नदी कोटा व बूंदी की सीमा बनाती है।
  • इस नदी के अपवाह तंत्र को वृक्षाकार श्रेणी में रखा जाता है।
  • इस नदी के द्वारा घाटियाँ या V आकार की घाटियाँ या गहरे गॉर्ज का निर्माण किया जाता है।
  • नदी में गांगेय सूस या डॉल्फिन मछली पायी जाती है।
  • इस नदी पर कोटा में हैंगिंग ब्रिज स्थित है।

इस नदी पर 4 बांध स्थित है :-

  1. गाँधीसागर बांध, मध्यप्रदेश = यह चम्बल नदी पर सबसे बड़ा बांध है।
  2. राणाप्रताप बांध, चित्तौड़गढ़ = यह राजस्थान का सबसे बड़ा बांध है।
  3. जवाहर सागर बांध, कोटा = यह एक पिकअप बांध है।
  4. कोटा बैराज, कोटा = इसक कैचमेंट एरिया सबसे बड़ा है।

नोट :- कोटा बैराज से केवल सिंचाई होती है बाकि तीनो बाँधो से विघुत उत्पादन एवं सिंचाई की जाती है।

Rajasthan

बायीं और से मिलने वाली चम्बल की सहायक नदियाँ :-
A  बामणी नदी :-
  • उद्गम = हरिपुरा की पहाड़ियां, चित्तौड़गढ़
  • विलय = भैंसरोड़गढ़, चित्तौड़गढ़
  • बामणी और चम्बल नदी के संगम पर भैंसरोड़गढ़ दुर्ग स्थित है।
  • इस नदी के किनारें ”चूलिया जलप्रपात” ( ऊंचाई = 18m ) स्थित है।
B  गुजाली नदी :-
  • उद्गम = नीमच, मध्यप्रदेश
  • विलय = चित्तौड़गढ़ में चम्बल में
  • राजस्थान में प्रवेश = दौलतपुर गाँव,चित्तौड़गढ़
  • बहाव क्षेत्र = मध्यप्रदेश, चित्तौड़गढ़
C चाकन नदी :-

इस नदी का उद्गम बूंदी में होता है तथा यह करणपुर गांव, सवाई माधोपुर में चंबल नदी में मिल जाती है।

D   मेज नदी :-
  • उद्गम = ऊपरमाल/बिजौलिया का पठार, भीलवाड़ा
  • विलय = सीनपुर गाँव, बूंदी
  • बहाव क्षेत्र = भीलवाड़ा, बूंदी
  • इस नदी पर बूंदी में राज्य का प्रथम सोलर लिफ्ट प्लांट बनाया गया, जिसमें 522 सौर ऊर्जा प्लेट लगाकर 167 किलोवाट के दो सोलर प्लांट का निर्माण किया गया।
  • सहायक नदियां =कुराल नदी, माँगली नदी
a कुराल नदी :-

इस नदी का उद्गम बिजोलिया के पठार, भीलवाड़ा से होता है तथा यह नदी बूंदी में मेज नदी में मिल जाती है।

b माँगली नदी :-
  • इस नदी का उद्गम बिजोलिया के पत्थर से होता है तथा यह नदी बूंदी में मेज नदी से मिल जाती है।
  • इस नदी पर बूंदी में भीमलत जलप्रपात स्थित है।
  • सहायक नदी = घोड़ा-पछाड़
दायीं और से मिलने वाली चम्बल की सहायक नदियाँ :-
A छोटी कालीसिंध नदी :-

यह नदी मध्य प्रदेश से निकलकर झालावाड़ में प्रवाहित होते हुए चंबल नदी में मिल जाती है।

B कालीसिंध नदी :-
  • उद्गम = बांकली गांव, देवास, मध्य प्रदेश
  • राजस्थान में प्रवेश = बिंदा गांव, झालावाड़
  • विलय = नोनेरा, कोटा में चंबल नदी में, नोनेरा, कोटा में कपिल मुनि की तपस्यास्थली है।
  • बहाव क्षेत्र = मध्य प्रदेश, झालावाड़, बारां, कोटा
कालीसिंध नदी की सहायक नदियां :-
 उजाड़ नदी :- झालावाड़

इस नदी पर झालावाड़ में भीमसागर बांध स्थित है।

 चौली नदी :- झालावाड़
 आहू नदी :-
  • उद्गम = सुसनेर पर्वत, मध्य्प्रदेश
  • राजस्थान में प्रवेश = नंदपुर, झालावाड़
  • विलय = गागरोन, झालावाड़ में कालीसिंध नदी में
  • यहाँ कालीसिंध नदी व आहू नदी के संगम पर गागरोन दुर्ग स्थित है।
 परवन नदी :-
  • उद्गम = विंध्याचल, मध्यप्रदेश
  • राजस्थान में प्रवेश = मनोहर थाना, झालावाड़
  • विलय = पलायता गाँव, बारां
  • बहाव क्षेत्र = झालावाड़, बारां, कोटा
  • यह मालवा के पठार से अजनार व घोडा-पछाड़ नामक दो संयुक्त धाराओं में प्रवाहित होती है।
  • मनोहर थाना दुर्ग परवन नदी और काली खोह नदी के संगम पर स्थित है।
  • शेरगढ़ अभयारण्य = यह परवन नदी ( बारां ) के किनारें स्थित है, इस अभयारण्य को साँपों की शरणस्थली कहते है।
  • सहायक नदी = कालिखाड़ नदी = इस नदी का उद्गम मध्यप्रदेश से होता है तथा झालावाड़ में परवन नदीऔर कालिखाड़ नदी के संगम पर मनोहर थाना दुर्ग स्थित है।
C पार्वती नदी :-
  • उद्गम = सेहोर गाँव, मध्यप्रदेश
  • विलय = पालिया गाँव, सवाईमाधोपुर में चम्बल में विलय
  • राजस्थान में प्रवेश = करियाहट गाँव, बाराँ
  • बहाव क्षेत्र = बाराँ, कोटा, सवाईमाधोपुर
  • राजस्थान और मध्यप्रदेश राज्य की दो बार निर्धारण करती है।

3 गंभीर नदी :-

  • उद्गम = करौली की पहाड़ियां, करौली
  • विलय = यमुना में
  • बहाव क्षेत्र = करौली, धौलपुर, भरतपुर
  • इस नदी से भरतपुर से नहर निकालकर घना पक्षी विहारऔर अजान बांध में जलापूर्ति की जाती है।
  • सहायक नदियां = भद्रावती, भैसावत, अटा, माची, बरखेड़ा
  • इस नदी पर करौली में पाँचना बांध स्थित है।
पाँचना बाँध :-
  • यह मिट्टी निर्मित बाँध है।
  • इस बांध का निर्माण करने में USA द्वारा सहयोग किया गया।
  • इस बांध के इंजीनियर ”राजेंद्र प्रसाद” थे।

राजस्थान में महत्वपूर्ण पेयजल परियोजना :-

  1. आपणी परियोजना = सुजानगढ़, रतनगढ़ ( चूरू )
  2. प्रोजेक्ट नलधारा = राजगढ़ ( चूरू )
  3. सुजलाम परियोजना = बाड़मेर
  4. उम्मेद सागर समदड़ी पेयजल परियोजना = बाड़मेर
  5. नर्मदा शिवसागर पेयजल परियोजना = बाड़मेर
  6. नर्मदा गुड़ामालानी पेयजल परियोजना = बाड़मेर
  7. गागरोन पेयजल परियोजना = झालावाड़
  8.  भगिनी पेयजल परियोजना = झालावाड़
  9. पीपलाद परियोजना = झालावाड़
  10. बोरवास मंडाना पेयजल परियोजना = कोटा
  11. इंद्रगढ़ वृहद पेयजल परियोजना = बूंदी
राजस्थान का भूगोल 

राजस्थान का सामान्य परिचय 

राजस्थान का भौगोलिक विभाजन एवं भौतिक स्वरूप

राजस्थान की जलवायु 

2 COMMENTS

  1. Fantastic site. Lots of helpful information here. I am sending it to some friends ans additionally sharing in delicious. And of course, thanks for your effort!

LEAVE A RESPONSE

Your email address will not be published. Required fields are marked *